ढींगरी मशरूम (Oyster Mashroom) या सीप मशरूम बिलकुल किसी सीप की तरह दिखती है यह इतनी ज्यादा पौश्टिक होती है कि इसका सेवन आपको नॉनवेज से ज्यादा पोशक तत्व देता है। आज दिनांक 25 जुलाई, 2022 को भा.कृ.अनु.प.-सरसों अनुसंधान निदेषालय, सेवर, भरतपुर में मषरूम उत्पादन इकाई की स्थापना करके पहली कटाई के अवसर पर माननीय निदेषक डॉ. प्रमोद कुमार राय ने फीता काटकर षुभारम्भ किया। इस अवसर पर निदेषालय के फसल सुरक्षा प्रभारी व मषरूम उत्पादन इकाई के प्रभारी डॉ. प्रभुदयाल मीना तथा प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पंकज षर्मा भी उपस्थित रहे। इकाई की विस्तृत जानकारी मुख्य तकनीकी अधिकारी श्री हरि प्रसाद ने अवलोकन करने के दौरान दी। डॉ. राय ने कहा कि किसान भाई व किसान महिलाऐं इसके उत्पादन के लिए खेती से प्राप्त फसलों के अवषेश जैसे सरसों, गेहूं, ज्वार, बाजरा, एवं मक्का आदि के भूसे को उपयोग में लेकर अपने घर पर ही कम संसाधनों के साथ कम जगह, कम समय के साथ इसकी खेती को कम लागत में षुरू करके कई गुना मुनाफा कमाया जा सकता है। फसल उत्पादन के साथ-साथ मषरूम-सरसों-मधु को एकीकृत करके किसानों की आमदनी को बढाने का एक अभिनव प्रयास किया जा सकता है। भविश्य में किसानों को इसका प्रषिक्षण निदेषालय पर ही दिया जा सकेगा। निदेषालय पर मषरूम उत्पादन के लिए डॉ. राय ने प्रसन्नता प्रकट करते हुए इसमें लगे कर्मचारियों को बधाई दी तथा उन्होनें इसके उत्पादन को विस्तृत करने पर जोर दिया। कार्यक्रम के दौरान श्री राकेष गोयल, श्री रामसिंह एवं श्री गोविन्द प्रसाद आदि तकनीकी अधिकारी/कमचारी उपस्थित रहे। Date:2022-07-25 to 2022-07-25 |